Shree Shyam Bihari Mandir - Sainwa (Mathura)
श्री श्याम बिहारी मंदिर ग्राम सैनवा के सवल -थोक में स्तिथ है | इस मंदिर के महंत श्री गोपाल बाबा है | जो भी भक्त हिंदी महीना भादो अमावस को श्री श्याम कुंड की परिक्रमा कर एवं रास करवाता है |उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं | यहां अनेकानेक भक्त दूर-दूर से आकर अपनी अनेकों मनोकामना भगवान के सन्मुख रखते हैं | यह मंदिर श्री श्याम कुंड के तटपर बना हुआ है |
महत्वपूर्ण पर्व:
आदि भादो अमावस के दिन यहां बड़ा सुंदर मेले का आयोजन होता है |मेले में विशाल दंगल का आयोजन किया जाता है मेले के उपलक्ष में श्री श्याम बिहारी सेवक दल की ओर से विशाल छप्पन भोग का आयोजन भी किया जाता है | रास की महिमा यहां अमावस के दिन रास का विशेष महत्व है | इसलिए इस मेले को रास का मेला भी कहा जाता है | इस दिन से श्याम कुंड के मंदिर पर ११ दिनों तक स्वामी श्री ईश्वर चंद जी के श्री श्याम बिहारी रासलीला मंडल के द्वारा बहुत ही सुन्दर रास का आयोजन किया जाता है |
श्री श्याम कुंड तालाब
जब भगवान श्री कृष्ण अपने अनन्य भक्तों के साथ गौ चारण करने के लिए आए तो भगवान के जो सखा थे उनको प्यास लगी तो भगवान ने अपनी मुरली के द्वारा एक गड्ढा खोदा उस गड्ढे से समस्त वालों वालों ने पानी पिया उस गड्डी की महिमा यह है हमारे बुजुर्ग लोग बताते हैं | के अमावस के दिन भादो के महीने में श्याम कुंड से दूध की धार निकलती है बुजुर्गों ने देखा भी है |अब अब कुंड का विस्तार हो चुका है अब कुंड लगभग 8 -10 बीघा के क्षेत्रफल में बना हुआ है| बुजुर्ग लोग बताते हैं आज भी उस श्याम कुंड के अंदर एक मंदिर है पूरे कुंड की खुदाई हो जाती है| परंतु जैसे ही उस मंदिर के आसपास खुदाई करने के लिए जेसीबी पहुंचती है तो खराब हो जाती है | इस तालाब में विशालकाय कछुवा रहते हैं
श्री श्याम कुंड की बगीची
श्री श्याम के मंदिर पर बहुत ही सुन्दर बगीची है | जो की १ भीगा के खेत्रफल में बानी हुई है | जिसमे बहुत ही सुन्दर वृक्ष जैसे कदम , नीम , पीपल, गेंदा एवं विशालकाय वट के वृक्ष हैं | जो की मदिर के वातावरण को बहुत ही मनमोहक बनते है | इसी बगीची में श्री जहार वीर गोगा जी महाराज का मंदिर बना हुआ है | प्रतिदिन इसी बगीची में श्री कन्हैयालाल दरोगा जी के द्वारा योगा अभ्यास कराया जाता है |
घटना
एक बार किसी ने रात्रि के समय गांव से श्याम कुंड में से कछुआ और मछलियों को किसी को बेच दिया | रात्रि में व्यापारी मछलियों को ले गए थे |बुजुर्ग लोग बताते हैं लगातार 3 वर्ष तक गांव में अकाल पड़ा था | हमारे गांव की सीमा से सटे खेतों में भारी फसल हुआ करती थी और हमारे गांव की सीमा के अंदर एक अनाज का दाना नहीं हुआ तब पूरे गांव में श्याम कुंड बाबा के चरणों में जाकर के क्षमा याचना की तब जाकर हमारे गांव की बाहर आई थी |
श्री श्याम बिहारी की माहिमा
श्री श्याम कुंड बाबा का विशेष महत्व तब हुआ |जब एक बार नेपाल से कुछ वक्त ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा करने के लिए आए भगवान ने उन्हें स्वप्न दिया आप सब लोग ब्रज धाम सैनवा में जाकर के गांव किनारे बने हुए श्याम कुंड में मेरा श्री विग्रह विराजमान है आप सब लोग जाकर के मेरे श्री विग्रह तालाब से निकलवाकर एक सुंदर से मंदिर का निर्माण करवाएं | ऐसा ही हुआ भक्त आए जो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी बंसी से खुदा हुआ तालाब था उसकी लगभग आज से ६०- 70 वर्ष पूर्व पुनः खुदाई हुई और श्री श्याम बिहारी सरकार की श्री विग्रह को लेकर के एक सुंदर से मंदिर का निर्माण किया गया | आज नेपाल से आए भक्तों के द्वारा जो हमें श्री श्याम बिहारी सरकार की श्री विग्रह प्राप्त हुई है उसके दर्शन करके अपनी संपूर्ण मनोकामना को पूर्ण करते हैं |
विशेष महत्त्व
आदि भादों अमावस के दिन जो भक्त श्याम बिहारी सरकार का रास करवाता है उसकी संपूर्ण मनोकामना पूर्ण होती हैं कोई भी व्यक्ति श्री श्याम बिहारी सरकार से श्रद्धा के साथ विनम्र भाव से जो भी कुछ मांगता है वह अवश्य पूर्ण होता है |आज श्री श्याम बिहारी सेवक दल की ओर से एक कदम नेपाल से आए हुए भक्तों के द्वारा जो श्री श्याम बिहारी सरकार की श्री विग्रह हमें प्राप्त हुई है उन्हीं की कृपा से उन्हीं की सेवा में श्याम बिहारी सेवक दल की ओर से प्रतिवर्ष छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है|